जम्मू-कश्मीर में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अप्रैल के मध्य तक रैपिड टेस्ट शुरू किए जा सकते हैं। टेस्ट से हॉटस्पाट के तौर पर चिह्नित स्थानों पर कोरोना से संक्रमितों की स्क्रीनिंग होगी। टेस्ट की खासियत होगी कि इसमें आधे घंटे में ही साफ हो जाएगा कि सैंपल देने वाला व्यक्ति कोरोना संक्रमित है या नहीं।
हालांकि इसकी पूरी पुष्टि के लिए संक्रमित मामलों का आरटीपीसीआर टेस्ट भी होगा। जीएमसी की माइक्रोबायोलॉजी लैब में कोरोना के मौजूदा मरीजों का आरटीपीसीआर टेस्ट किया जा रहा है। अमूमन इस टेस्ट की रिपोर्ट चार घंटे में आ रही है, जिसमें पॉजिटिव मामलों की पुष्टि होती है। इसमें एक प्लेट में एक समय 90 संदिग्ध मरीजों के सैंपल लगाए जा सकते हैं।
डॉक्टरों ने बताया कि देशव्यापी स्तर पर दूसरे चरण में रैपिड टेस्ट के लिए केंद्र सरकार की ओर से 15 लाख किट मंगवाई जा रही हैं, जो अप्रैल के मध्य तक दिल्ली पहुंच जाएंगी। इनमें से काफी मात्रा में किट जम्मू-कश्मीर को मिलेंगी। रैपिड टेस्ट प्रेगनेंसी टेस्ट की तरह होता है, जिसमें स्ट्रिप में ब्लड का सैंपल डाला जाता है और उसके रंग बदलने पर पीड़ित के कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो जाती है।